चीमा दो दिन पूर्व अपने पुत्र व काशीपुर विधायक त्रिलोक चीमा के विधानसभा चुनाव के दौरान विरोध करने वाले भाजपा नेताओं को निकाय चुनाव में टिकट न दिए जाने की मांग को लेकर भाजपा के स्थानीय कई नेताओं को साथ लेकर देहरादून में मुख्यमंत्री धामी के दरबार पहुँच गए। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात कर अपना दर्द भी साँझा कर दिया, कह दिया कि जिन्होंने उनके पुत्र के चुनाव में गद्दारी की उनको आगामी निकाय चुनाव में टिकट नही मिलना चाहिए। दरअसल काशीपुर के पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा निवर्तमान मेयर ऊषा चौधरी व पीसीयू चेयरमैन राम मेहरोत्रा से नाराज चल रहे है, नाराजगी का कारण जग जाहिर है, चीमा बीते विधानसभा चुनाव में उनके पुत्र व वर्तमान विधायक त्रिलोक सिंह चीमा के चुनाव में विरोध करने के कारण इन दोनों नेताओं से नाराज है। नाराजगी भी इतनी ज्यादा है कि समय समय पर मीडिया के माध्यम से वह इस पीड़ा को व्यक्त करते रहते है। कुछ दिनों पूर्व उन्होंने मीडिया के सामने अपने दिल की इसी पीड़ा को रखते हुए यह तक कहा था कि वह चाहते है कि उनके पुत्र के चुनाव में विरोध करने वाले नेताओं को आगामी निकाय चुनाव में पार्टी का टिकट नही मिले। इशारा राम व ऊषा की ओर साफ था। अब इसी पीड़ा को लेकर उन्होंने दो दिन पूर्व सीएम धामी से मुलाकात कर अपने दिल की बात कह दी। पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा की भाजपा प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र चौधरी से काफी नजदीकियां है। अपनी इसी दोस्ती को निभाने पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा नें अपने विधायक पुत्र त्रिलोक सिंह चीमा, भाजपा प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र सिंह, प्रदेश मंत्री गुरविन्दर सिंह चंडोक, भाजपा नेता आशीष गुप्ता, रजत सिद्धू, लवीश अरोरा, राजेन्द्र सैनी, मोनू चौधरी, सुरेश सैनी, कुलवंत रंधावा, विनीत चौधरी समेत कई अन्य स्थानीय नेताओं के साथ देहरादून पहुँचकर दो दिन पहले सीएम धामी से मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो इस दौरान विधायक चीमा नें सीएम धामी से आगामी निकाय चुनाव को लेकर खिलेंद्र चौधरी को टिकट दिए जाने की सिफारिश भी कर डाली।सूत्रों की मानें तो पूर्व विधायक निकाय चुनाव से पूर्व दिल्ली जाकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उनके पुत्र के विधानसभा चुनाव में हुए विरोध से अवगत कराने का मन बना चुके है। वह किसी भी कीमत पर आगामी निकाय चुनाव में विरोध करने वाले दोनों नेताओं को टिकट न दिए जाने की कोशिश में जुटे है।